भारत सरकार ने टोल टैक्स
प्रणाली में सुधार के लिए नए टोल टैक्स नियम लागू किए हैं, जिनका उद्देश्य यात्रियों की
यात्रा को अधिक सुगम और सुलभ बनाना है। इन नियमों के मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं:
1. 20 किलोमीटर तक टोल टैक्स माफ
- जिन वाहनों में ग्लोबल नेविगेशन सैटेलाइट सिस्टम (GNSS)
लगा है, उन्हें
टोल रोड पर पहले 20 किलोमीटर की यात्रा पर कोई टोल टैक्स नहीं
देना होगा।
- यदि यात्रा 20 किलोमीटर
से अधिक है, तो केवल अतिरिक्त
दूरी के लिए टोल शुल्क लिया जाएगा।
- उदाहरण: 30 किलोमीटर
की यात्रा पर केवल 10 किलोमीटर का टोल देना होगा।
2. "पे-एज़-यू-गो" प्रणाली
- यह नई प्रणाली वाहन द्वारा तय की
गई वास्तविक दूरी के आधार पर टोल शुल्क वसूलेगी।
- GNSS के
माध्यम से वाहनों की ट्रैकिंग की जाएगी।
- यह प्रणाली FASTag के
साथ भी काम करेगी।
3. टोल प्लाजा पर देरी होने पर छूट
- यदि टोल प्लाजा पर 10 सेकंड
से अधिक समय रुकना पड़े, तो
टोल टैक्स नहीं लिया जाएगा।
- यदि कतार की लंबाई 100 मीटर
से अधिक हो,
तो भी टोल टैक्स से छूट दी जाएगी।
- अगर टोल प्लाजा का FASTag सिस्टम
काम नहीं कर रहा है, तो
यात्रियों को शुल्क नहीं देना होगा।
4. GNSS आधारित टोलिंग प्रणाली
- GNSS तकनीक
के जरिए वाहन की गति और स्थान को ट्रैक किया जाएगा।
- GNSS वाले
वाहनों के लिए विशेष टोल लेन बनाई जाएंगी, जिनमें
अन्य वाहनों का प्रवेश वर्जित होगा।
- उल्लंघन करने वाले वाहनों पर जुर्माना लगाया
जाएगा।
5. तकनीकी समस्याओं पर छूट
- टोल प्लाजा पर किसी प्रकार की
तकनीकी समस्या होने पर (जैसे,
मशीन खराब होना), यात्रियों
को टोल टैक्स से छूट दी जाएगी।
- यात्रियों को अपनी शिकायत दर्ज
कराने का अधिकार होगा, और जांच के बाद उन्हें उचित छूट दी
जाएगी।
लाभ
- समय और धन की बचत।
- टोल प्लाजा पर भीड़ और देरी में कमी।
- अधिक पारदर्शी
और डिजिटल प्रणाली, जिससे
गड़बड़ियों की संभावना कम होगी।
कहां लागू किया गया है?
नए नियमों को फिलहाल चुनिंदा राजमार्गों
पर लागू किया गया है, जैसे:
- बेंगलुरु-माइसूर (NH-275)
- पानीपत-हिसार (NH-709)
भविष्य में इसे पूरे देश में चरणबद्ध तरीके से लागू किया
जाएगा।
यह नियम यात्रियों को राहत
देने और सड़क यात्रा को सरल और कुशल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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