वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने हाल ही में संसद में बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किया है, जो बैंक खाताधारकों के लिए नई सुविधाओं और सुधारों का प्रस्ताव करता है। इस विधेयक का उद्देश्य बैंकिंग प्रणाली को अधिक पारदर्शी, सुरक्षित और ग्राहकों के अनुकूल बनाना है।
विधेयक की मुख्य विशेषताएं:
नॉमिनी प्रणाली में बदलाव:
अब बैंक खाताधारक अपने खाते में एक की बजाय चार नॉमिनी जोड़ सकते हैं। इससे खाताधारकों के परिवारों को भविष्य में वित्तीय सुरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
खाताधारकों को दो विकल्प दिए गए हैं:
· चार नॉमिनियों को समान हिस्सेदारी देना।
· प्राथमिकता के आधार पर एक नॉमिनी को प्राथमिक हक देना।
· इससे बैंकों में बिना दावे वाली राशियों को कम किया जा सकेगा, जो वर्तमान में 42,000 करोड़ रुपये से अधिक हो चुकी है।
बैंक लॉकर की सुरक्षा:
लॉकरों में भी नॉमिनी प्रक्रिया लागू की जाएगी, जिससे ग्राहकों के मूल्यवान दस्तावेज और संपत्ति सुरक्षित रह स. के।
सहकारी बैंकों में सुधार:
सहकारी बैंकों के निदेशकों के कार्यकाल में बदलाव और चयन प्रक्रिया में सुधार का प्रस्ताव है। इससे ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं में सुधार होगा।
रिपोर्टिंग और लेखा परीक्षा में बदलाव:
बैंकों को हर महीने की 15वीं और अंतिम तारीख को रिपोर्टिंग करने का प्रावधान है। इसके अलावा, वैधानिक लेखा परीक्षकों के पारिश्रमिक निर्धारण में बैंकों को अधिक स्वतंत्रता दी जाएगी।
बिना दावे वाली रकम का प्रबंधन:
भारतीय रिजर्व बैंक के डिपॉजिटर्स एजुकेशन एंड अवेयरनेस (DEA) फंड का उपयोग इस प्रकार की राशियों को प्रभावी रूप से प्रबंधित करने के लिए किया जाएगा।
विधेयक का महत्व:
यह विधेयक भारतीय बैंकिंग प्रणाली में पारदर्शिता और ग्राहकों के हितों की रक्षा के लिए एक बड़ा कदम है। नॉमिनी प्रणाली में सुधार से परिवारों को वित्तीय सुरक्षा मिलेगी, जबकि सहकारी बैंकों में सुधार ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं को बढ़ावा देगा।
निष्कर्ष:
बैंकिंग कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 का उद्देश्य बैंकिंग प्रणाली को मजबूत बनाना और ग्राहकों के अधिकारों को प्राथमिकता देना है। इससे खाताधारकों और उनके परिवारों को भविष्य में वित्तीय सुरक्षा और सुविधा मिलेगी, साथ ही भारतीय बैंकिंग प्रणाली में विश्वास बढ़ेगा।
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